तेल की कीमतों में गिरावट । मूंगफली,कच्चा पामतेल, सूरजमुखी तेल, खाद्य तेल के भाव। सरसों का आज का भाव में तेजी।
राजधानी दिल्ली के बाजार में मंगलवार को सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन छोड़कर बाकी सभी तेल-तिलहनों के थोक दाम में गिरावट आई।सरसों का आज का भाव में तेजी देखने को मिली वही, गिरावट के कारण सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ), बिनौला और पामोलीन तेल कीमतें मामूली हानि के साथ बंद हुईं।
मलेशिया एक्सचेंज लगभग एक प्रतिशत नीचे बंद हुआ और शाम का कारोबार बंद है। जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में कोई खास घट-बढ़ नहीं है।
जानकार सूत्रों ने कहा कि देश में किसान बाजार में कम दाम पर सरसों की बिकवाली करने से परहेज कर रहे हैं। दूसरी ओर मूंगफली की निर्यात मांग के कारण सरसों और मूंगफली तेल-तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं। सस्ते आयातित सूरजमुखी तेल का जरूरत से कहीं ज्यादा आयात होने के कारण बाकी तेल-तिलहन कीमतों पर भारी दबाव है जिससे सोयाबीन तेल-तिलहन, सीपीओ, बिनौला और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
सस्ते सूरजमुखी तेल का पहले ही इतना अधिक आयात हो चुका है और जुलाई में भी इसका काफी आयात हो रहा है। ऐसे में इसे अब हरियाणा भी भेजा जा रहा है जहां इसकी खपत नहीं है। पहले हरियाणा और पंजाब का सूरजमुखी दक्षिणी भारत में खपता था अबकी बार उल्टा ही चलन है।
सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेल से न हमें सिर्फ तेल मिलता है बल्कि मवेशीचारे के लिए तेलखल, मुर्गीदाने के लिए डीआयल्ड केक (डीओसी) मिलता है। कपास से निकलने वाले बिनौले से सबसे अधिक खल प्राप्त होते हैं। इसी खल की कमी से पिछले कुछ महीनों में दूध के दाम कई बार बढ़े हैं। अगर हम आयात पर निर्भर होते गये तो आने वाले दिनों में खल की और किल्ल्त हो सकती है और दूध एवं दुग्ध उत्पाद, चिकन, अंडे आदि के दाम और बढ़ सकते हैं।
एक तरफ तो सस्ते आयातित खाद्य तेलों का भारी आयात हो रहा है जबकि देशी सूरजमुखी पड़े-पड़े खराब हो रहा है। सरसों भी खराब होने की स्थिति में है। यही हाल बना रहा तो आगे किसान तिलहन खेती करने के बारे में कई बार सोचेंगे और हम आत्मनिर्भरता के बजाय आयात पर पूरी तरह से निर्भर हो जायेंगे। ऐसे में विदेशों में खाद्य तेलों के दाम बढने लगें तो हमारे पास उसे झेलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। मौजूदा स्थिति बनी रही तो अगले चार-पांच साल में तिलहन खेती पर इसका असर दिखना स्पष्ट हो जायेगा।
मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार से रहे
सरसों तिलहन–5,400-5,450 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली–7,075-7,125 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)–17,380 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,510-2,785 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,750 -1,830 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,750-1,860 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी–18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली-10,080 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर-9,980 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला-8,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,100 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)-9,080 रुपये प्रति क्विंटल।*
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,480 रुपये प्रति क्विंटल।*
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,520 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना– 4,950-5,045 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,715-4,810 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,015 रुपये प्रति क्विंटल।